धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्राचीन हनुमान मंदिर में पूजा किया
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।
प्रतिदिन शिव चालीसा का पाठ करने से आपके जीवन की कठनाईया दूर होती हैं ।
तज्ञमज्ञान – पाथोधि shiv chalisa in hindi – घटसंभवं, सर्वगं, सर्वसौभाग्यमूलं ।
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन